Land Registry New Rule – जमीन रजिस्ट्री से जुड़े नियमों को लेकर सरकार ने हाल ही में बड़ा बदलाव लागू किया है, जिसका असर लाखों लोगों पर पड़ेगा। नए नियम के तहत अब जमीन खरीदने या बेचने की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया गया है। पहले कई बार यह देखा जाता था कि जमीन की रजिस्ट्री में धोखाधड़ी, डुप्लीकेट एंट्री या फर्जी कागजात का इस्तेमाल हो जाता था, जिससे आम लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ता था। लेकिन अब सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हर जमीन की रजिस्ट्री को डिजिटल सिस्टम के जरिए ऑनलाइन वेरिफिकेशन के बाद ही स्वीकार किया जाएगा। इसका सीधा फायदा यह होगा कि फर्जीवाड़े और विवादों पर लगाम लगेगी। इसके अलावा जमीन रजिस्ट्री से जुड़ी सभी जानकारियां अब ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज की जाएंगी, जिसे कोई भी व्यक्ति आसानी से देख और चेक कर सकेगा। सरकार का मानना है कि इससे भ्रष्टाचार कम होगा और लोगों को पारदर्शी तरीके से जमीन की खरीद-बिक्री करने में राहत मिलेगी।

जमीन रजिस्ट्री के नए नियम की खास बातें
सरकार द्वारा लागू किए गए नए नियम में सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब जमीन रजिस्ट्री केवल आधार और पैन कार्ड वेरिफिकेशन के बाद ही की जा सकेगी। इसका मतलब यह हुआ कि किसी भी व्यक्ति को अगर अपनी जमीन रजिस्ट्री करनी है, तो उसके पास सही पहचान पत्र होना अनिवार्य होगा। इससे फर्जी नाम से की जाने वाली रजिस्ट्री की संभावना खत्म हो जाएगी। साथ ही, हर रजिस्ट्री का पूरा रिकॉर्ड डिजिटल सिस्टम में सुरक्षित रहेगा, जिससे भविष्य में किसी भी विवाद की स्थिति में तुरंत जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सरकार ने ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू किया है, जहां नागरिक लॉगिन कर अपने दस्तावेज़ अपलोड और वेरिफाई करवा सकते हैं। यह कदम आम जनता के लिए राहत की खबर है क्योंकि अब उन्हें अलग-अलग सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
जमीन खरीद-बिक्री करने वालों को कैसे मिलेगा फायदा
नए नियम का सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को होगा जो जमीन खरीदते या बेचते हैं। पहले जहां जमीन की खरीद-बिक्री के दौरान दलालों और बिचौलियों का खेल चलता था, अब वह खत्म हो जाएगा क्योंकि सारी प्रक्रिया सीधी और ऑनलाइन होगी। खरीदार भी आसानी से यह चेक कर पाएंगे कि जिस जमीन को वह खरीद रहे हैं, वह विवादित है या नहीं। इसके अलावा, विक्रेता को भी यह सुविधा होगी कि उसकी जमीन का पूरा रिकॉर्ड सिस्टम में सुरक्षित रहेगा और किसी और के नाम से डुप्लीकेट रजिस्ट्री नहीं की जा सकेगी। इस बदलाव से ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों के लोगों को काफी लाभ मिलेगा। खासतौर पर किसानों को इससे सबसे अधिक राहत मिलेगी, क्योंकि अब उनकी जमीन को लेकर होने वाले विवाद काफी हद तक कम हो जाएंगे।
रजिस्ट्री की प्रक्रिया अब कितनी आसान होगी
पहले जहां जमीन रजिस्ट्री करवाना बेहद लंबा और पेचीदा काम माना जाता था, वहीं अब यह प्रक्रिया काफी आसान हो जाएगी। नए नियमों के तहत नागरिक केवल ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर अपने दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं और वेरिफिकेशन पूरा होते ही उनकी रजिस्ट्री मान्य हो जाएगी। इसके अलावा उन्हें समय और पैसों की भी बचत होगी क्योंकि अब दलालों और लंबी कागजी प्रक्रिया से छुटकारा मिलेगा। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इस प्रक्रिया में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा घूसखोरी की संभावना न रहे। यानी पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित होगी। आम लोग घर बैठे आसानी से जमीन की रजिस्ट्री कर पाएंगे, जिससे समय की बचत और सुविधा दोनों सुनिश्चित होगी।

नागरिकों को किन बातों का ध्यान रखना होगा
हालांकि यह नया नियम काफी फायदेमंद है, लेकिन नागरिकों को कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है। सबसे पहले, उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि उनके सभी पहचान पत्र जैसे आधार, पैन और जमीन से जुड़े पुराने कागजात अपडेट और सही हों। दूसरा, ऑनलाइन रजिस्ट्री करते समय सही पोर्टल का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है ताकि किसी फर्जी वेबसाइट पर जाकर वे धोखाधड़ी का शिकार न हों। तीसरा, उन्हें यह समझना होगा कि अब बिना डिजिटल वेरिफिकेशन कोई रजिस्ट्री संभव नहीं होगी, इसलिए पुराने तरीकों से रजिस्ट्री करवाने की कोशिश बेकार जाएगी। अगर लोग इन बातों का ध्यान रखेंगे तो वे इस नई प्रणाली से अधिकतम लाभ उठा पाएंगे और बिना किसी दिक्कत के सुरक्षित और आसान तरीके से अपनी जमीन की रजिस्ट्री कर पाएंगे।