UPI Rules – 1 अगस्त 2025 से देशभर में UPI पेमेंट से जुड़े नियमों में अहम बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों का असर रोज़मर्रा की डिजिटल लेनदेन प्रक्रिया पर पड़ेगा, खासकर उन यूजर्स पर जो छोटे-छोटे भुगतान अक्सर करते हैं। इन नियमों का मकसद UPI पेमेंट को अधिक सुरक्षित और नियंत्रित बनाना है।


₹50 से कम के ट्रांजैक्शन पर लगेगी सख्ती
अब से यदि आप ₹50 से कम की राशि UPI से ट्रांसफर करते हैं, तो आपको पहले से अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। नए नियमों के अनुसार, ₹50 से कम के ट्रांजैक्शन पर लिमिट तय की गई है और ऐसे ट्रांजैक्शन को बार-बार करने पर सिस्टम में अलर्ट जेनरेट होगा। इसका उद्देश्य फ्रॉड गतिविधियों पर नियंत्रण पाना है, क्योंकि कम राशि में अधिक बार ट्रांजैक्शन करना स्कैमर्स की सामान्य रणनीति होती है।

एक दिन में केवल 3 बार फेल हो सकता है पेमेंट
नई गाइडलाइन के मुताबिक, यदि किसी यूजर का UPI पेमेंट एक दिन में तीन बार फेल हो जाता है, तो चौथी बार ट्रांजैक्शन करने से पहले कुछ घंटों का वेटिंग पीरियड लगेगा। यह बदलाव खासतौर पर बैंकों की सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और फेक ट्रांजैक्शन अटैम्प्ट को रोकने के लिए लाया गया है।
बैंक सर्वर डाउन होने पर बढ़ेगा असर
UPI ट्रांजैक्शन फेल होने का एक बड़ा कारण बैंक सर्वर का डाउन होना होता है। नए नियमों में इस स्थिति के लिए भी गाइडलाइन तय की गई है। यदि किसी बैंक का सर्वर तीन बार से ज्यादा फेल होता है, तो उस बैंक की UPI सेवा कुछ समय के लिए स्वतः सस्पेंड कर दी जाएगी, ताकि दूसरे यूजर्स पर इसका गलत असर न हो।
छोटे व्यापारियों पर क्या होगा असर
छोटे दुकानदार और रेहड़ी-पटरी वाले लोग, जो अक्सर ₹10–₹50 के लेन-देन करते हैं, उन्हें इस नए नियम से सबसे ज़्यादा सतर्क रहना पड़ेगा। उन्हें अपने ग्राहकों को ट्रांजैक्शन की लिमिट और फेलियर के नियमों के बारे में जानकारी देनी होगी, ताकि ग्राहकों को असुविधा न हो।
फेक ट्रांजैक्शन और बॉट्स पर लगेगा ब्रेक
नए नियमों का मुख्य उद्देश्य UPI सिस्टम को बॉट्स और स्क्रिप्टिंग अटैक्स से बचाना है। ₹50 से कम की राशि को बार-बार ट्रांसफर करने वाले स्कैमर्स की पहचान आसानी से हो सकेगी और उन पर तुरंत एक्शन लिया जाएगा। इससे पेमेंट सिस्टम की सुरक्षा और विश्वसनीयता बढ़ेगी।
यूजर्स को क्या सावधानी बरतनी चाहिए
UPI यूजर्स को अब ट्रांजैक्शन करते समय पहले से अधिक सावधानी बरतनी होगी। ₹50 से कम की राशि भेजते समय यह सुनिश्चित करें कि ट्रांजैक्शन बार-बार न करें। इसके अलावा, अगर किसी दिन तीन बार पेमेंट फेल हो जाए, तो अगली बार प्रयास करने से पहले कुछ देर रुकें और अपने बैंक या UPI ऐप की कस्टमर सर्विस से संपर्क करें।
सरकार और NPCI की तरफ से निर्देश
इस बदलाव की घोषणा राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) और रिज़र्व बैंक की ओर से संयुक्त रूप से की गई है। यह निर्देश सभी UPI ऐप्स और बैंकों पर लागू होंगे और इन्हें फॉलो करना अनिवार्य है। इसका उल्लंघन करने पर संबंधित UPI सेवा को अस्थायी रूप से रोका जा सकता है।
डिजिटल पेमेंट को और अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए 1 अगस्त से UPI नियमों में यह बड़ा बदलाव किया गया है। ₹50 की लिमिट और पेमेंट फेलियर की सख्त गिनती से अब यूजर्स को सतर्क रहना होगा। हालांकि यह नियम पहले थोड़े सख्त लग सकते हैं, लेकिन लंबी अवधि में यह ग्राहकों की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी कदम साबित होंगे।
UPI का नया नियम क्या है जिससे पेमेंट हो सकता है नाकाम?
₹50 लिमिट और 3 बार फेल होने की सीमा।
UPI पेमेंट की नई लिमिट क्या है?
₹50 और 3 बार नाकाम होने की सीमा।
UPI के नए नियम के अनुसार कितनी बार पेमेंट फेल हो सकता है?
3 बार
UPI पेमेंट में अब किस तारीख से लागू होंगे नए नियम?
1 अगस्त से।
UPI पेमेंट में किसको लागू होगा नया नियम?
उपयोगकर्ता को शीघ्रता से सही जानकारी देनी होगी।
UPI पेमेंट में नए नियमों से क्या बदलाव हुआ है?
अब UPI पेमेंट में ₹50 की लिमिट और 3 बार फेल नियम।
UPI पेमेंट के नए नियमों से किसको फायदा होगा?

व्यवसायियों को नए UPI पेमेंट नियमों से फायदा होगा।