UPI New Rules

UPI को लेकर सरकार ने जारी किया नई गाइडलाइन, इतना अमाउंट से अधिक का पेमेंट करने पे लगेगा टैक्स UPI New Rules

UPI New Rules – UPI को लेकर सोशल मीडिया पर “नया टैक्स” जैसी कई बातें वायरल हैं, जिस वजह से लोग उलझन में हैं कि क्या अब UPI से बड़ा पेमेंट करने पर अतिरिक्त टैक्स देना पड़ेगा। समझ लें—UPI अपने-आप में कोई “टैक्स योग्य” सेवा नहीं है। सरकार/आयकर विभाग के नियम ट्रांज़ैक्शन के स्वभाव (आप क्या भुगतान कर रहे हैं) पर लागू होते हैं, न कि आप किस ऐप या माध्यम (UPI, नेटबैंकिंग, कार्ड) से भुगतान कर रहे हैं। हाँ, कुछ भुगतान श्रेणियाँ ऐसी हैं जिन पर तय सीमा पार होने पर TDS/TCS या अन्य अनुपालन लग सकता है—जैसे ऊँचा किराया, बिज़नेस खरीद, या विदेश में भेजी गई रकम। इसलिए “इतने अमाउंट से अधिक UPI पेमेंट पर टैक्स” कहने के बजाय सही बात यह है कि कुछ खास भुगतानों पर, तय लिमिट पार होने पर, कानून के अनुसार कटौती/रिपोर्टिंग जरूरी हो सकती है। नीचे हम आसान भाषा में वही नियम, सामान्य लिमिट्स और सावधानियाँ समझा रहे हैं ताकि आप बेझिझक और सही तरीके से डिजिटल पेमेंट जारी रख सकें। (UPI New Rules)

UPI New Rules
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UPI पर टैक्स नहीं, ट्रांज़ैक्शन के स्वभाव पर नियम

सबसे अहम सिद्धांत: UPI एक पेमेंट रेल है—टैक्स नियम इस बात पर निर्भर करते हैं कि भुगतान “किसलिए” किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, यदि आप एक व्यक्ति के रूप में किसी मकान का किराया ₹50,000 प्रति माह से अधिक देते हैं, तो धारा 194-IB के तहत TDS (आम तौर पर 5%) काटकर जमा करना पड़ सकता है। इसी तरह बिज़नेस के रूप में किसी एक सप्लायर से एक वित्त वर्ष में ₹50 लाख से अधिक की खरीद पर धारा 194Q के तहत 0.1% TDS का प्रावधान रहता है। विदेश में फंड भेजना (LRS) भी सीमा-आधारित TCS के दायरे में आ सकता है—यह UPI/नेटबैंकिंग/कार्ड किसी भी माध्यम से भेजें, नियम “ओवरसीज़ रेमिटेंस” पर लागू होंगे। दरें और सूचियाँ श्रेणी के अनुसार बदल सकती हैं, इसलिए यह समझना ज़रूरी है कि टैक्स का ट्रिगर “माध्यम” नहीं, बल्कि “भुगतान का प्रकार” और “सीमा” है।

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लिमिट्स, चार्जेस और NPCI/RBI दिशानिर्देश

टैक्स से अलग, UPI के कुछ उपयोग-नियम और लिमिट्स होते हैं जो NPCI/RBI और आपका बैंक/ऐप तय करते हैं। आमतौर पर P2P और P2M के लिए प्रति ट्रांज़ैक्शन/प्रति दिन कैप बैंक-to-बैंक अलग-अलग हो सकती है; कई बैंकों में सामान्य सीमा ₹1 लाख रहती है, जबकि कुछ श्रेणियों—जैसे स्वास्थ्य/शिक्षा—के लिए ऊँची सीमा उपलब्ध हो सकती है। ऑटो-पे/ई-मैंडेट के लिए भी अलग सीमा/ओटीपी नियम लागू होते हैं। अधिकतर उपभोक्ता भुगतानों पर UPI में MDR शून्य रहता है; हाँ, कुछ खास इकोसिस्टम (जैसे PPI वॉलेट से व्यापारी भुगतान) में इंटरचेंज/प्रोसेसिंग शुल्क लागू हो सकता है, जो उपयोगकर्ता से नहीं, इकोसिस्टम स्तर पर निपटाया जाता है। ध्यान रहे, ये चार्जेस “टैक्स” नहीं हैं। आपका वास्तविक अनुभव आपके बैंक, UPI ऐप और व्यापारी एग्रीगमेंट पर निर्भर करेगा, इसलिए बड़े भुगतान से पहले अपने बैंक/ऐप की सीमा और शर्तें एक बार अवश्य जाँच लें।

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किन भुगतानों पर सीमा पार होते ही अनुपालन पड़ सकता है

अगर आप व्यक्तिगत किराया ₹50,000/माह से ऊपर देते हैं, तो TDS काटकर जमा करना चाहिए—यह UPI हो या कोई भी माध्यम, नियम समान है। बिज़नेस खरीद में किसी एक सप्लायर से साल भर में ₹50 लाख से ज्यादा की खरीद पर 0.1% TDS लागू होता है—भुगतान का रेल UPI/NEFT/RTGS कुछ भी हो, अनुपालन वही रहता है। विदेश में पैसे भेजने (LRS) के मामले में वर्ष में कुल रेमिटेंस जब तय सीमा (जैसे ₹7 लाख) पार करती है, तो TCS लागू हो सकता है—शिक्षा/मेडिकल जैसी श्रेणियों में विशेष रियायतें/दरें अलग हो सकती हैं। पेशे-सेवा शुल्क, प्रोफेशनल पेमेन्ट, कमीशन इत्यादि पर स्रोत पर कर कटौती (TDS) के विभिन्न प्रावधान भी हैं। सार यह कि “भुगतान का उद्देश्य + वार्षिक/मासिक सीमा” मिलकर तय करती है कि टैक्स/कटौती लगेगी या नहीं—UPI सिर्फ भुगतान का रास्ता है, नियम का कारण नहीं।

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क्या करें: आसान चेकलिस्ट ताकि गलती न हो

  1. बड़े भुगतानों से पहले उद्देश्य पहचानें—किराया, विदेशी रेमिटेंस, बिज़नेस खरीद, प्रोफेशनल फीस—और उस श्रेणी पर लागू सीमा देखें। 2) अपनी वार्षिक कुल राशि ट्रैक करें; कई नियम “कुल सालाना” रकम जोड़कर देखते हैं, केवल एक-एक ट्रांज़ैक्शन नहीं। 3) भुगतान से पहले PAN, बैंक डिटेल्स, और आवश्यक डिक्लेरेशन/फॉर्म (जैसे 26Q/26QC/चालान) पर ध्यान दें, ताकि बाद में नोटिस/दंड का जोखिम न रहे। 4) विदेश भेजते समय सही पर्पज़-कोड चुनें और बैंक/ऐप की डॉक्यूमेंट लिस्ट अपनाएँ—यही TCS/TDS अनुपालन में मदद करता है। 5) अपने UPI ऐप/बैंक की लिमिट्स जाँचें; यदि सीमा कम है, तो वैकल्पिक चैनल (RTGS/NEFT) या ब्रेक-अप ट्रांज़ैक्शन प्लान करें। 6) नियम समय-समय पर अपडेट होते हैं, इसलिए अंतिम पुष्टि के लिए आधिकारिक हेल्पडेस्क/CA से सलाह लें। याद रखें: “UPI New Rules” का मतलब टैक्स नहीं, बल्कि सही अनुपालन के साथ सुरक्षित डिजिटल भुगतान है।

क्या UPI के उपयोग से टैक्स भुगतान करना अनिवार्य है?

हां, UPI से ₹1 लाख से अधिक का भुगतान करने पर।

क्या UPI द्वारा नकद व्यवहार करना सुरक्षित है?

हां, UPI ट्रांजैक्शन्स एन्क्रिप्टेड होते हैं।

क्या UPI के जरिए भुगतान करने पर लोगों की निजी जानकारी सुरक्षित है?

हां, UPI द्वारा किए गए भुगतान की जानकारी सुरक्षित है।

UPI उपयोग से क्या ऑनलाइन चोरी का खतरा है?

हां, सावधानी बरतना जरूरी है।

UPI उपयोग से बढ़ेगा ऑनलाइन चोरी का खतरा?

उपयोग करते समय सावधानी बरतें, फिशिंग और फ्रॉड से बचें।

UPI से टैक्स का भुगतान करना कैसे करें?

टैक्स भुगतान के लिए UPI आवेदन करें।

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