Post Office PPF Scheme – लंबे समय में सुरक्षित और टैक्स-फ्री संपत्ति बनाने का भरोसेमंद माध्यम माना जाता है। अगर आप हर साल ₹95,000 नियमित रूप से जमा करें, तो चक्रवृद्धि ब्याज की ताकत से 15 वर्षों में बड़ा फंड तैयार हो सकता है। मौजूदा जैसी 7.1% वार्षिक दर “उदाहरण के लिए” मानकर—और हर वित्त वर्ष की शुरुआत में जमा (अन्यथा 5 तारीख से पहले) करने पर—अनुमानित परिपक्वता राशि लगभग ₹25,76,533 तक पहुँच सकती है। यह गणना केवल समझाने के लिए है; PPF दरें सरकार तिमाही आधार पर बदलती हैं, इसलिए वास्तविक परिणाम भविष्य की दरों, आपकी जमा-तारीख और किस्तों के पैटर्न पर निर्भर करेंगे। PPF में न्यूनतम ₹500 और अधिकतम ₹1.5 लाख प्रतिवर्ष जमा करने की अनुमति है, लॉक-इन 15 साल का रहता है, तथा खाता डाकघर/अधिकृत बैंकों में खोला जा सकता है। यह EEE (Exempt-Exempt-Exempt) निवेश है—80C में छूट, ब्याज कर-मुक्त, और परिपक्वता भी कर-मुक्त। लक्ष्य तक पहुँचने के लिए अनुशासित जमा, समय पर KYC/नामांकन अपडेट, और स्टेटमेंट का वार्षिक मिलान आवश्यक है। परिपक्वता पर एकमुश्त भुगतान लेने या 5-5 साल के ब्लॉक में एक्सटेंशन का विकल्प भी उपलब्ध रहता है।

PPF कैसे काम करता है: जमा, ब्याज दर और गणना की सरल समझ
PPF की ब्याज दर भारत सरकार अधिसूचना के अनुसार तिमाही बदल सकती है, जबकि ब्याज का क्रेडिट साल में एक बार होता है। गणना “मासिक न्यूनतम बैलेंस” (महीने की 5 तारीख से माह-अंत) पर होती है—इसी कारण हर माह/साल 5 तारीख से पहले जमा करना लाभकारी माना जाता है। एक वित्त वर्ष में अधिकतम 12 किस्तों तक या एकमुश्त जमा कर सकते हैं; खाता 15वें वर्ष परिपक्व होता है और उसके बाद 5-5 वर्ष के ब्लॉक्स में बढ़ाया जा सकता है। ऊपर दिए उदाहरण में 7.1% दर पर, हर वर्ष शुरुआत में ₹95,000 जमा करने पर 15 वर्षों में अनुमानित कॉर्पस ~₹25.76 लाख बनता है (यह “अन्य साधनों से बेहतर या कम” हो सकता है—निर्भर दरों पर)। यह आकड़ा एक सामान्य “annuity-due” प्रकार की गणना से निकलता है, जहाँ नियमित किस्तें अवधि की शुरुआत में डाली जाती हैं। वास्तविकता में दरें/समय-निर्धारण बदलते हैं, इसलिए योजना बनाते समय थोड़ा कंज़र्वेटिव अनुमान रखें और दर-परिवर्तन के प्रभाव को ध्यान में गिनें।

₹95,000 से लक्ष्य कैसे पक्का करें: जमा-रणनीति, टाइमिंग और बढ़त
लक्ष्य सुनिश्चित करने के लिए “पहले खुद को भुगतान” सिद्धांत अपनाएँ—हर साल/माह की शुरुआत में ऑटो-डेबिट सेट करें, ताकि किस्त टले नहीं। मासिक जमा करने पर भी प्रयास रहे कि राशि 5 तारीख से पहले खाते में क्रेडिट हो जाए, जिससे उस महीने का ब्याज बेस बढ़े। आय बढ़ने पर “स्टेप-अप” अपनाएँ—₹95,000 से धीरे-धीरे ₹1,20,000/₹1,50,000 तक—ताकि उसी अवधि में बड़ा कॉर्पस बने। परिवार में पति/पत्नी के अलग PPF खातों से 80C का कुशल उपयोग हो सकता है; पर प्रति व्यक्ति PPF योगदान सीमा और “एक व्यक्ति–एक खाता” नियम का पालन अनिवार्य है। परिपक्वता पर रकम तत्काल न चाहिए तो 5-वर्षीय एक्सटेंशन चुनें—जमा जारी रखकर कंपाउंडिंग बढ़ा सकते हैं या “विथआउट-कंट्रीब्यूशन” मोड में भी आंशिक निकासी लेते रहें। साल की शुरुआत (अप्रैल) में एकमुश्त जमा करना आमतौर पर बेहतर प्रभाव देता है, क्योंकि पूरे साल पैसा कंपाउंड होता है; हालांकि कैश-फ्लो के अनुसार मासिक/त्रैमासिक शेड्यूल भी अपनाया जा सकता है।
नियम, आंशिक निकासी/लोन और समय से पहले बंद करने के विकल्प
PPF में आंशिक निकासी सामान्यतः 7वें वित्त वर्ष से एक सूत्रानुसार संभव है—यह शिक्षा/आवास जैसे लक्ष्यों के लिए लचीलापन देती है। तीसरे से छठे वर्ष के बीच बैलेंस के निश्चित हिस्से पर लोन की सुविधा रहती है; यह अकाउंट तोड़े बिना फंडिंग का विकल्प देता है, पर समय पर पुनर्भुगतान ज़रूरी है। विशेष परिस्थितियों (गंभीर बीमारी, उच्च शिक्षा आदि) में 5 साल बाद “प्रीमैच्योर क्लोजर” की अनुमति मिल सकती है, जहाँ अर्जित ब्याज पर समायोजन/कटौती लागू होती है। खाता डाकघर से बैंक (या उल्टा) ट्रांसफर किया जा सकता है; पता, नॉमिनी, KYC/पैन परिवर्तन समय पर अपडेट करें ताकि क्लेम/पेवाउट में देरी न हो। NRI नए PPF खाते नहीं खोल सकते; मौजूदा खाता नियमानुसार जारी रखने/बंद करने के प्रावधान अलग हो सकते हैं—ताज़ा नियम देखें। दोहरे खाते से बचें; गलती से खुला हो तो जल्द रिपोर्ट/मर्ज/क्लोजर की प्रक्रिया पूर्ण करें। हर वित्त वर्ष पासबुक/स्टेटमेंट मिलान और IFSC/बैंक विवरण की जाँच करें।
टैक्स लाभ, सुरक्षा और प्रैक्टिकल चेकलिस्ट
PPF की सबसे बड़ी ताकत इसका EEE टैक्स-ट्रिटमेंट है—धारा 80C में सालाना ₹1.5 लाख तक की छूट, ब्याज पर शून्य कर, और परिपक्वता राशि भी पूरी तरह टैक्स-फ्री। सरकारी समर्थित होने से मूलधन सुरक्षा उच्च मानी जाती है; जोखिम मुख्यतः “ब्याज दर परिवर्तन” का रहता है, जो भावी कॉर्पस को बढ़ा-घटा सकता है। बेहतर रिटर्न के लिए—(1) जमा 5 तारीख से पहले करें; (2) संभव हो तो हर साल अप्रैल में एकमुश्त भुगतान; (3) स्टेप-अप योगदान; (4) परिपक्वता पर तुरंत खर्च न हो तो एक्सटेंशन से कंपाउंडिंग जारी रखें। चेकलिस्ट: KYC/पैन और मोबाइल ईमेल अपडेट, नॉमिनी अद्यतन, एकाउंट-ट्रांसफर की रसीदें, ई-स्टेटमेंट सुरक्षित, दोहरा खाता न रखें, और NRI/माइनर/जॉइंट संबंधित नियम समझें (माइनर खाता अभिभावक संचालित करते हैं; कुल योगदान सीमा का ध्यान रखें)। PPF को EPF/VPF/SSY/SCSS/डेब्ट फंड जैसे औज़ारों के साथ मिलाकर “गोल-आधारित” पोर्टफोलियो बनाएं, ताकि तरलता, कर-लाभ और दीर्घकालिक बढ़त—तीनों का संतुलन बना रहे।