Canara Bank FD Scheme – केनरा बैंक की 444 दिनों वाली धाकड़ फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम उन निवेशकों के लिए बढ़िया विकल्प मानी जाती है जो कम जोखिम में स्थिर और निश्चित रिटर्न चाहते हैं। 444 दिन यानी लगभग 1 वर्ष 2 माह 14 दिन की यह विशेष अवधि आपके पैसे को छोटी अवधि से थोड़ा अधिक, और लंबी अवधि से कम समय में बढ़ाती है। ₹1,00,000 का निवेश करके आप सुरक्षित ब्याज कमाते हैं, साथ ही परिपक्वता पर एकमुश्त राशि मिलती है, जिसे आप किसी बड़े खर्च, इमरजेंसी फंड या पुनर्निवेश के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इस एफडी में सामान्यतः तिमाही/मासिक ब्याज भुगतान, ऑटो-रिन्यूअल, नॉमिनेशन और लोन–अगेन्स्ट–एफडी जैसी सुविधाएँ मिलती हैं। सीनियर सिटीजन को आमतौर पर अतिरिक्त ब्याज दर का लाभ मिलता है, जिससे रिटर्न थोड़ा बढ़ जाता है। ध्यान दें, ब्याज दरें समय–समय पर बदलती रहती हैं; इसलिए आवेदन से पहले बैंक ब्रांच/आधिकारिक पोर्टल पर मौजूदा रेट ज़रूर जाँच लें। समय पर KYC, PAN लिंकिंग और सही ब्याज भुगतान विकल्प चुनकर आप टैक्स और नक़दी प्रवाह दोनों में बेहतर योजना बना सकते हैं।

444 दिनों की FD पर अनुमानित ब्याज व रिटर्न (₹1,00,000 उदाहरण)
444 दिनों की अवधि में आपका रिटर्न लागू वार्षिक ब्याज दर और कंपाउंडिंग फ़्रीक्वेंसी पर निर्भर करता है। उदाहरण के तौर पर मान लें कि सालाना ब्याज दर 7.25% से 8.00% के बीच है और कंपाउंडिंग तिमाही आधार पर होती है। ऐसे में 444/365 दिन के हिसाब से प्रभावी रिटर्न ~8.8% से ~9.7% के दायरे में आ सकता है। सरल समझ के लिए, ₹1,00,000 पर परिपक्वता राशि लगभग ₹1,08,800 से ₹1,09,700 तक बैठ सकती है; सीनियर सिटीजन के लिए अतिरिक्त दर मिलने पर यह थोड़ा और बढ़ सकती है। मासिक/त्रैमासिक ब्याज भुगतान चुनने पर आपके खाते में नियमित कैश–इनफ़्लो आता है, जबकि क्यूमुलेटिव विकल्प में पूरा ब्याज परिपक्वता पर मिलता है। अनुमान लगाते समय TDS का असर भी समझें—यदि ब्याज निर्धारित सीमा से ऊपर जाता है और वैध फ़ॉर्म 15G/15H जमा नहीं है, तो बैंक TDS काट सकता है। इसलिए नेट–ऑफ़–टैक्स रिटर्न देख कर ही अंतिम तुलना करें।
प्रमुख फीचर्स, चार्जेस और टैक्स संबंधी बातें
इस स्पेशल टेन्योर एफडी की मुख्य खूबियों में तय अवधि (444 दिन), सुरक्षित पूँजी, लचीले ब्याज भुगतान विकल्प और नॉमिनेशन शामिल हैं। ज़रूरत पड़ने पर लोन–अगेन्स्ट–एफडी सुविधा सामान्यतः उपलब्ध रहती है, जिससे आप परिपक्वता से पहले एफडी तोड़े बिना फंड उठा सकते हैं। प्रीमैच्योर क्लोज़र पर आमतौर पर थोड़ी पेनल्टी लगती है और लागू ब्याज दर कम हो सकती है, इसलिए अचानक निकासी की योजना पहले से बना लें। टैक्स के लिहाज़ से एफडी ब्याज आपकी आय में जोड़कर स्लैब के अनुसार टैक्सेबल होता है; TDS की देनदारी घटाने के लिए PAN लिंकिंग ज़रूरी है और पात्र होने पर फ़ॉर्म 15G/15H जमा किया जा सकता है। ऑटो–रिन्यूअल चुनने पर परिपक्वता पर एफडी स्वतः फिर शुरू हो जाती है—परंतु दरें बदल चुकी हों तो आप मैनुअल रिन्यूअल करके बेहतर रेट चुन सकते हैं। सुरक्षा हेतु नॉमिनेशन/जॉइंट होल्डिंग और ई–रेसीट/पासबुक रिकॉर्ड सुरक्षित रखें।
पात्रता, सीनियर सिटीजन लाभ और ज़रूरी दस्तावेज़
यह एफडी आम तौर पर रेज़िडेंट इंडिविजुअल, HUF, फ़र्म/कंपनी, और गार्जियन के साथ माइनर के नाम पर भी खोली जा सकती है। सीनियर सिटीजन (आमतौर पर 60+ वर्ष) को प्रचलित नियमों के अनुसार अतिरिक्त ब्याज दर का लाभ दिया जाता है, जिससे कम अवधि में भी रिटर्न बेहतर बनता है। खाता खोलते समय वैध KYC दस्तावेज़ जैसे—PAN, आधार/पासपोर्ट/वोटर आईडी, पता प्रमाण, पासपोर्ट–साइज़ फ़ोटो आदि रखें। जॉइंट अकाउंट खोल रहे हों तो सभी धारकों के दस्तावेज़ आवश्यक होंगे। नॉमिनेशन ज़रूर जोड़ें ताकि किसी अनहोनी की स्थिति में दावा प्रक्रिया सहज रहे। यदि आप नियमित आय चाहते हैं तो मासिक/त्रैमासिक ब्याज विकल्प, और अगर संपत्ति तेज़ी से बढ़ानी है तो क्यूमुलेटिव विकल्प पर विचार करें। NRO/NRE ग्राहकों के लिए अलग नियम/दरें हो सकती हैं; इसलिए एनआरआई स्थिति में ब्रांच से स्पष्टता लें। आवेदन से पहले नवीनतम रेट कार्ड, प्रोसेसिंग/पेनल्टी शर्तें और TDS नियमों की पुष्टि कर लें।
खाता खोलने की प्रक्रिया और स्मार्ट टिप्स
एफडी आप ब्रांच, नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग के ज़रिए आसानी से खोल सकते हैं। प्रक्रिया में खाते का चयन, अवधि 444 दिन चुनना, ब्याज भुगतान मोड तय करना, ऑटो–रिन्यूअल/नॉमिनेशन सक्रिय करना और राशि ट्रांसफ़र करना शामिल है। ई–रेसीट डाउनलोड कर सुरक्षित रखें। स्मार्ट प्लानिंग के लिए “FD लैडरिंग” अपनाएँ—पूरी राशि एक ही एफडी में लगाने के बजाय कई भागों में बाँटकर अलग–अलग परिपक्वता तिथियाँ रखें; इससे दर बदलने का जोखिम घटता है और तरलता बनी रहती है। टैक्स बचत हेतु आय–स्लैब, TDS/फ़ॉर्म 15G–15H और धारा 80C (यदि लागू स्कीम अलग हो) का अंतर समझें; ध्यान दें कि यह 444–दिन वाली स्पेशल एफडी आमतौर पर 80C–टैक्स–सेविंग एफडी नहीं होती। परिपक्वता से पहले दरों की तुलना करें—कभी–कभी नया रेट कार्ड अधिक लाभकारी होता है। अचानक ज़रूरत पड़ने पर लोन–अगेन्स्ट–एफडी देखें, क्योंकि प्रीमैच्योर तोड़ने से ब्याज घट सकता है। हमेशा ताज़ा नियम/दर बैंक से सत्यापित करें।