CIBIL Score Rule 2025 – 2025 में CIBIL स्कोर को लेकर एक नया नियम लागू कर दिया गया है, जिससे लोन लेने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आया है। अब बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लोन प्राप्त करने के लिए आवेदकों का CIBIL स्कोर पहले से कहीं अधिक होना जरूरी होगा। इस नियम का उद्देश्य उन व्यक्तियों को प्राथमिकता देना है जो अपने क्रेडिट व्यवहार में जिम्मेदार हैं। जिन लोगों का स्कोर कम है, उनके लिए लोन लेना अब और अधिक कठिन हो जाएगा। यह नियम आम जनता के लिए सख्त जरूर है, लेकिन वित्तीय संस्थानों की सुरक्षा के लिहाज़ से जरूरी कदम माना जा रहा है।

नया नियम और बढ़ी हुई CIBIL स्कोर की मांग
2025 से लागू नए नियम के अनुसार, अब होम लोन, पर्सनल लोन या किसी भी प्रकार का क्रेडिट लेने के लिए न्यूनतम CIBIL स्कोर 750 या उससे अधिक होना अनिवार्य हो गया है। पहले यह सीमा 700 या उससे नीचे भी स्वीकार्य थी, लेकिन बढ़ते डिफॉल्ट केसों को देखते हुए बैंकों ने यह निर्णय लिया है। इसका मतलब है कि कम स्कोर वाले आवेदकों को या तो लोन नहीं मिलेगा या उन्हें अधिक ब्याज दर चुकानी होगी। यह कदम बैंकों के जोखिम को कम करने और फाइनेंशियल सेक्टर को अधिक स्थिर बनाने की दिशा में उठाया गया है।
कम स्कोर वालों को होगी ये बड़ी परेशानियाँ
जिन लोगों का CIBIL स्कोर 750 से कम है, उन्हें अब कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। उन्हें सिर्फ लोन नहीं, बल्कि क्रेडिट कार्ड लेने में भी दिक्कत होगी। कई बार उन्हें लोन के लिए अतिरिक्त दस्तावेज़ देने पड़ सकते हैं या गारंटर की जरूरत भी हो सकती है। साथ ही, कम स्कोर की वजह से ब्याज दर भी काफी अधिक हो सकती है, जिससे लोन चुकाने का बोझ और बढ़ जाएगा। इससे यह साफ है कि फाइनेंशियल अनुशासन और समय पर भुगतान करना अब पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गया है।
CIBIL स्कोर सुधारने के तरीके
यदि किसी का स्कोर कम है तो घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसे सुधारा जा सकता है। सबसे पहले, अपने पुराने बकाया लोन या क्रेडिट कार्ड बिल्स का भुगतान समय पर करना शुरू करें। उसके बाद, नए लोन लेने से पहले अपने क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करें और उसमें किसी भी गलती को सुधारें। लिमिट के अनुसार ही खर्च करें और बार-बार लोन के लिए आवेदन न करें। इन आसान उपायों से कुछ ही महीनों में स्कोर बेहतर हो सकता है, जिससे भविष्य में लोन लेना आसान हो जाएगा।
बैंकों का नजरिया और उपभोक्ताओं के लिए सलाह
बैंकों का मानना है कि नया नियम ग्राहकों को अधिक फाइनेंशियली जिम्मेदार बनने के लिए प्रेरित करेगा। अब वे ऐसे ग्राहकों को प्राथमिकता देंगे जो समय पर भुगतान करते हैं और जिनका स्कोर स्थिर रहता है। इससे लोन रिकवरी की संभावनाएं भी बेहतर होंगी। उपभोक्ताओं के लिए यह जरूरी है कि वे अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को नियमित रूप से मॉनिटर करें और अपनी वित्तीय योजना को मजबूत बनाएं। यदि वे इन बातों का पालन करते हैं तो न केवल उनका स्कोर बेहतर होगा बल्कि वे भविष्य में किसी भी वित्तीय संकट से भी बच सकते हैं।