सिर्फ एक गलती से आपका CIBIL स्कोर गिरेगा 100 पॉइंट

CIBIL Score Update: RBI का नया नियम – सिर्फ़ ये एक गलती आपका क्रेडिट स्कोर 100 पॉइंट गिरा देगा, जानें असली वजह

CIBIL Score Update – कई लोगों का CIBIL स्कोर अचानक 60–100 पॉइंट तक गिर जाता है और उन्हें लगता है कि कोई “गड़बड़” हुई है। असलियत यह है कि RBI के हालिया दिशानिर्देशों के बाद बैंकों/NBFCs को आपकी रीपेमेंट हिस्ट्री को CICs (जैसे CIBIL) में और ज्यादा सटीक व समय पर रिपोर्ट करना पड़ता है। इसका मतलब, छोटी-सी चूक भी तुरंत “Days Past Due (DPD)” के रूप में दर्ज होती है और स्कोरिंग एल्गोरिद्म उसे कड़ाई से मानता है। अगर आपका क्रेडिट कार्ड बिल या लोन EMI समय पर नहीं गया, हाई क्रेडिट-उपयोग (Utilization) हो गया, या ‘Settled/Written-off’ जैसे नेगेटिव टैग दिखे, तो मॉडल जोखिम बढ़ा मानकर स्कोर कम करता है। सबसे खतरनाक चूक है 30 दिनों से ज्यादा की देरी, क्योंकि यह “सिंपल लेट” नहीं बल्कि औपचारिक डिफॉल्ट जैसा सिग्नल बन जाता है। असर आपकी प्रोफ़ाइल, क्रेडिट मिक्स और पिछली क्लीन हिस्ट्री पर निर्भर करता है, लेकिन पहली ही बार 30+ DPD दिखते ही 100 के आस-पास गिरावट असामान्य नहीं है। अच्छी खबर यह है कि समय पर सुधार करने से स्कोर धीरे-धीरे रिकवर भी कर सकता है।

सिर्फ एक गलती से आपका CIBIL स्कोर गिरेगा 100 पॉइंट
सिर्फ एक गलती से आपका CIBIL स्कोर गिरेगा 100 पॉइंट

RBI के नए नियम का मतलब: रिपोर्टिंग ज़्यादा सख्त, गलती तुरंत पकड़ में

RBI ने डेटा-गुणवत्ता, ट्रांसपेरेंसी और ग्राहक-हित को प्राथमिकता देते हुए क्रेडिट रिपोर्टिंग को अधिक सख्त और टाइम-बाउंड बनाया है। अब बैंक/NBFC हर स्टेटस—समय पर भुगतान, देरी, चार्ज-ऑफ, सेटेलमेंट, और लिमिट-उपयोग—को CICs में समय पर अपडेट करते हैं। इससे “लेट पेमेंट” जैसी छोटी दिखने वाली गलतियां भी छिप नहीं पातीं और स्कोरिंग मॉडल को पूरा, ताज़ा डेटा मिल जाता है। CIBIL जैसे ब्यूरो DPD, अकाउंट एजिंग, ओवरऑल Utilization, हाल की हार्ड इंक्वायरी और पुराने खातों की उम्र जैसे संकेतकों को वेटेज देते हैं। पहले कई बार रिपोर्टिंग में देरी या असंगतियां स्कोर को बचा लेती थीं; अब यह स्पेस कम हो गया है। नई पारदर्शिता से जहां जिम्मेदार उधारकर्ताओं को फायदा मिलता है, वहीं अनजाने में हुई चूक भी तुरंत रिकॉर्ड हो जाती है। नतीजा: आप जितनी जल्दी गलती सुधारेंगे, उतनी जल्दी आपकी रिपोर्ट में पॉज़िटिव सिग्नल लौटेंगे और भविष्य के लोन/कार्ड अप्रूवल पर असर कम होगा।

Also read
Oppo का नया 5G स्मार्टफोन लॉन्च – 200X Zoom, SONY IMAX कैमरा और 8000mAh बैटरी के साथ धमाल Oppo का नया 5G स्मार्टफोन लॉन्च – 200X Zoom, SONY IMAX कैमरा और 8000mAh बैटरी के साथ धमाल

वो “एक गलती” जो 100 पॉइंट तक गिरा सकती है: 30+ DPD (EMI/क्रेडिट कार्ड में 30 दिनों से ज़्यादा देरी)

सबसे ज्यादा स्कोर-डैमेजिंग गलती है किसी भी EMI या क्रेडिट कार्ड बिल को 30 दिन से ज़्यादा पेंडिंग रहने देना—यानी 30+ DPD। यह सिर्फ “लेटकमी” नहीं है; मॉडल इसे डिफॉल्ट-लाइक इवेंट की तरह देखता है, क्योंकि उधारदाता के लिए रिस्क वास्तविक हो जाता है। कई प्रोफ़ाइल में, खासकर जहाँ पतला क्रेडिट फ़ाइल, कम अकाउंट-एज, या पहले से हाई Utilization हो, पहली 30+ DPD एंट्री से ही 70–100+ पॉइंट तक गिरावट दिख सकती है। अगर देरी 60/90 DPD तक बढ़ती है, तो नुकसान और गहरा हो सकता है और “Settled/Written-off” जैसे स्टेटस भविष्य के लिए रेड फ्लैग बन जाते हैं। ध्यान रहे, “Minimum Due” भरना भी सुरक्षित नहीं, क्योंकि बकाया बढ़ता है और Utilization हाई रहती है, जो अलग से स्कोर घटाती है। इसलिए ऑटो-डेबिट, कैलेंडर रिमाइंडर और बिल-ड्यू से पहले पेमेंट जैसी आदतें इस “एक गलती” से बचाती हैं।

Also read
LIC की नई 5 साल की योजना: सिर्फ ₹12,000 निवेश पर पाएं 75,000 का रिटर्न LIC New Scheme LIC की नई 5 साल की योजना: सिर्फ ₹12,000 निवेश पर पाएं 75,000 का रिटर्न LIC New Scheme

100-पॉइंट गिरावट का मैकेनिज़्म: मॉडल किन संकेतों को वज़न देता है

स्कोरिंग एल्गोरिद्म रीपेमेंट हिस्ट्री को सबसे बड़ा वज़न देता है। 30+ DPD आते ही आपकी “परफेक्ट पेमेंट” स्ट्रीक टूटती है, जिससे बकाया की एजिंग शुरू होती है और रिस्क-स्कोर बढ़ता है। दूसरा बड़ा फैक्टर है क्रेडिट Utilization—यदि कार्ड लिमिट का 70–90% लगातार यूज़ हो रहा है, मॉडल इसे स्ट्रेस का संकेत मानता है। तीसरा, हाल की हार्ड इंक्वायरियाँ (नई लोन/कार्ड एप्लिकेशन) रीसेंसी रिस्क बढ़ाती हैं। चौथा, पुराने खातों का बंद होना एवरेज एज घटाता है, जिससे स्थिरता संकेत कम होते हैं। जब ये फैक्टर एक-दूसरे के साथ जुड़ते हैं—जैसे हाई Utilization + 30+ DPD—तो गिरावट तेज़ हो जाती है। प्रोफ़ाइल-स्पेसिफिक वेटेज के कारण एक ही गलती का असर अलग-अलग हो सकता है, पर फ्रेश 30+ DPD वाली क्लीन हिस्ट्री में भी 100 पॉइंट तक का शॉक संभव है। अच्छी क्रेडिट मिक्स और लंबे समय की ऑन-टाइम हिस्ट्री इस झटके को कुछ हद तक कुशन कर सकती है।

Also read
Ladli Behna Yojana 2025 में 1.27 करोड़ महिलाओं को ₹3000 मिलने का बड़ा मौका – जानिए पूरी डिटेल Ladli Behna Yojana 2025 में 1.27 करोड़ महिलाओं को ₹3000 मिलने का बड़ा मौका – जानिए पूरी डिटेल

बचाव और रिकवरी: तुरंत एक्शन, कम Utilization, और क्लीन-अप स्ट्रैटेजी

पहला कदम: देरी होते ही asap पूरा बकाया क्लियर करें; “Partial/Minimum” से DPD नहीं मिटती। दूसरा: अगले 3–6 महीनों तक कार्ड Utilization 30% से नीचे रखें ताकि मॉडल को लो-रिस्क सिग्नल दिखें। तीसरा: किसी भी इनएक्युरेट एंट्री (गलत DPD, गलत लिमिट, ‘Settled’ की जगह ‘Closed’) पर CIC में तुरंत डिस्प्यूट उठाएँ और बैंक से सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट लें। चौथा: एक साथ कई नए क्रेडिट के लिए अप्लाई न करें, क्योंकि हार्ड इंक्वायरीज़ रिकवरी को स्लो करती हैं। पाँचवां: पुराने, बिना-फीस वाले अच्छे स्टैंडिंग अकाउंट्स खुले रखें ताकि एवरेज एज और पॉजिटिव हिस्ट्री बनती रहे। छठा: ऑटो-डेबिट + बैकअप UPI/नेटबैंकिंग रिमाइंडर सेट करें ताकि 30+ DPD की नौबत न आए। सातवां: अगर कैश-फ्लो टाइट है, तो बैंक से औपचारिक री-स्ट्रक्चरिंग पूछें—सेटलमेंट से बचें, क्योंकि उसका दाग लंबे समय तक अप्रूवल्स में बाधा बन सकता है।

एक अच्छा क्रेडिट स्कोर का महत्व क्या है?

उच्च क्रेडिट स्कोर से उच्च ऋण की मंजूरी मिलती है।

बैंक ऋण के लिए CIBIL स्कोर क्यों महत्वपूर्ण है?

बैंक ऋण की मंजूरी और ब्याज दर इसके आधार पर होती है।

CIBIL स्कोर का नया नियम क्या है?

एक गलती से स्कोर 100 पॉइंट गिरा सकता है।

क्रेडिट स्कोर से आपका व्यक्तिगत जीवन कैसे प्रभावित होता है?

सही क्रेडिट स्कोर से आपके वित्तीय संबंध सुधरते हैं।

यदि CIBIL स्कोर 100 पॉइंट गिर जाए, तो क्या हो सकता है?

उसका बड़ा असर लोन या क्रेडिट की मंजूरी पर।

Share this news: