Bank New Rule August 2025 – अगस्त 2025 में बैंकों के लिए जारी नए नियम को लेकर सबसे बड़ा संदेश यही है—चाहे आपका खाता किसी भी बैंक में हो, अपनी केवाईसी (KYC), नामांकन (Nominee) और संपर्क जानकारी तुरंत जांच लें। नए दिशानिर्देश ग्राहक सुरक्षा, धोखाधड़ी रोकथाम और डेटा अपडेट पर जोर देते हैं, इसलिए बैंक एसएमएस/ईमेल या मोबाइल ऐप नोटिफिकेशन के जरिए आपसे दस्तावेज़ दोबारा जमा कराने, पता/मोबाइल अपडेट करने या नामांकन की पुष्टि करने के लिए कह सकते हैं। इसका उद्देश्य सेवाओं को बाधित किए बिना खातों को अनुपालन में रखना है, ताकि डॉर्मेंट खातों, ऑटो-डेबिट अस्वीकृति, कार्ड/UPI दुरुपयोग या खाता फ्रीज़ जैसे जोखिमों से बचा जा सके। याद रखें, बैंक कभी भी ओटीपी/पिन/पासवर्ड नहीं मांगता; किसी लिंक पर क्लिक करने से पहले स्रोत सत्यापित करें। यदि कोई समयसीमा दी गई है, तो उसे बैंक की आधिकारिक साइट/ऐप पर क्रॉस-चेक करें और आवश्यक दस्तावेज़—आधार/पैन, पता प्रमाण, फोटो—तैयार रखें। अनुपालन न करने पर लेनदेन सीमित हो सकते हैं, इसलिए आज ही अपना स्टेटस चेक करें और जरूरत हो तो नजदीकी शाखा या नेट बैंकिंग/वीडियो केवाईसी से प्रक्रिया पूरी करें।

क्या बदला है और आपको क्या जांचना चाहिए
नए नियमों का फोकस “रिस्क-बेस्ड पीरियाडिक केवाईसी” पर है—यानी खाते की जोखिम श्रेणी के हिसाब से दस्तावेज़ पुन: सत्यापन। CKYC रिकॉर्ड अपडेट, पैन-आधार लिंकिंग, वर्तमान पता का प्रमाण, और मोबाइल/ईमेल का सक्रिय रहना अब और महत्वपूर्ण है। कार्ड टोकनाइज़ेशन व डिवाइस-बाइंडिंग जैसे सुरक्षा उपायों के कारण ऑनलाइन भुगतान सुरक्षित बनते हैं, इसलिए ऐप में सेव किए कार्ड/डिवाइस की सूची जांचें। UPI/नेट बैंकिंग में दैनिक सीमा, ऑटो-डेबिट (e-mandate) की मंजूरियां, और चार्जेज/फीस की स्पष्ट जानकारी देखें ताकि अनचाहे डेबिट न हों। लॉकर धारकों के लिए भी केवाईसी/एग्रीमेंट रिन्यूअल समय पर करना जरूरी है। बैंक अब नोटिफिकेशन/अलर्ट को डिफ़ॉल्ट रखते हैं, इसलिए एसएमएस/ईमेल अलर्ट चालू हों यह सुनिश्चित करें। यदि आपका खाता लंबे समय से निष्क्रिय है, तो पहचान/हस्ताक्षर सत्यापन के साथ उसे सक्रिय कराएं। किसी भी बदलाव की पुष्टि सीधे बैंक की आधिकारिक ऐप/वेबसाइट या शाखा से ही करें, थर्ड-पार्टी लिंक से नहीं।
किन ग्राहकों पर सबसे अधिक असर और क्यों
सबसे ज्यादा प्रभाव उन ग्राहकों पर पड़ेगा जिनकी केवाईसी पुरानी है, पता बदला है, या जिनका खाता लंबे समय से डॉर्मेंट है। सीनियर सिटीज़न्स, छात्र, माइग्रेंट वर्कर्स और किराए के मकान में रहने वालों को पता प्रमाण/संचार अपडेट पर विशेष ध्यान देना चाहिए। जॉइंट अकाउंट/फैमिली अकाउंट में नामांकन (Nominee) जोड़ना या अद्यतन करना जरूरी है, ताकि किसी आपात स्थिति में क्लेम सहज हो सके। छोटे व्यापारियों/करंट अकाउंट धारकों के लिए ऑटो-डेबिट, ई-इनवॉयस पेमेंट्स और लिमिट सेटिंग्स समय पर अपडेट न होने पर लेनदेन बाधित हो सकते हैं। NRI/आउटस्टेशन ग्राहकों को वीडियो केवाईसी/डिजिटल सबमिशन के विकल्पों का उपयोग करना चाहिए। जिनके खाते फिनटेक ऐप्स/वॉलेट्स से लिंक हैं, वे ऐप परमिशन्स, डिवाइस-चेंज अलर्ट, और लिंक्ड सब्सक्रिप्शन्स की समीक्षा करें। कुल मिलाकर, जिन प्रोफाइल्स में दस्तावेज़/कॉन्टैक्ट बदलते रहते हैं, उन्हें तुरंत कंप्लायंस पूरा करना चाहिए।
अपना खाता अनुपालन में रखने की स्टेप-बाय-स्टेप योजना
सबसे पहले अपने बैंक की आधिकारिक ऐप/नेट बैंकिंग/एसएमएस में आया नोटिस पढ़ें और फर्जी लिंक से बचते हुए सीधे लॉगिन करें। “केवाईसी अपडेट” सेक्शन में आधार/पैन, एड्रेस प्रूफ (किरायानामा/यूटिलिटी बिल/बैंक स्टेटमेंट), हालिया फोटो तैयार रखें; जहाँ उपलब्ध हो, वीडियो केवाईसी बुक करें। प्रोफाइल में मोबाइल/ईमेल सत्यापित करें, नामांकन जोड़ें/अपडेट करें, और ऑपरेटिंग लिमिट्स सेट करें। UPI/कार्ड के लिए डिवाइस-बाइंडिंग, ऐप लॉक, और इंटरनेशनल/ऑनलाइन ट्रांजैक्शन टॉगल्स जरूरत के अनुसार ऑन/ऑफ करें। अनधिकृत लेनदेन दिखे तो तुरंत बैंक हेल्पलाइन/ऐप में रिपोर्ट करें—जल्दी सूचना देने पर आपकी देनदारी सीमित होती है। ऑटो-डेबिट मंजूरियों (e-mandate) की सूची हर महीने जांचें; जो उपयोग में नहीं हैं उन्हें रद्द करें। अंत में, मिनिमम बैलेंस/चार्जेज का सेक्शन पढ़ें, ताकि अनावश्यक पेनल्टी से बचा जा सके, और अपडेट पूरा होने पर ईमेल/एसएमएस की रसीद सुरक्षित रखें।

मिथक बनाम सच्चाई: धोखाधड़ी से बचाव और सही स्रोत
मिथक: “केवाईसी के लिए ओटीपी/पिन साझा करना पड़ता है।” सच्चाई: बैंक/आरबीआई कभी ओटीपी/पिन/पासवर्ड/सीवीवी नहीं मांगते—ऐसा कोई संदेश आते ही रिपोर्ट करें। मिथक: “नामांकन जोड़ने/अपडेट करने पर शुल्क लगता है।” सच्चाई: यह प्रक्रिया सामान्यतः नि:शुल्क होती है; किसी पेड लिंक से बचें। मिथक: “किसी भी व्हाट्सएप/टेलीग्राम लिंक से केवाईसी हो जाती है।” सच्चाई: केवल आधिकारिक ऐप/वेबसाइट/शाखा से ही केवाईसी करें। हर नोटिस का सर्कुलर/रेफरेंस नंबर देखने की आदत डालें और बैंक की साइट पर क्रॉस-चेक करें। अनजान कॉल्स पर “रिमोट एक्सेस” ऐप इंस्टॉल न करें, स्क्रीन-शेयर न करें। संदेह हो तो नजदीकी शाखा जाएँ या आधिकारिक हेल्पलाइन पर कॉल करें। याद रखें—समय पर अपडेट और सही स्रोत अपनाने से आपका खाता सुरक्षित, सक्रिय और नियमों के अनुरूप बना रहता है।
बैंकों के नए नियमों में क्या बदलाव होंगे?
नियमों में खाताधारकों के लिए अत्यधिक सतर्कता जरूरी होगी।
बैंक नियमों के अनुसार कितने खाताधारकों को प्रभावित किया जाएगा?
सभी खाताधारकों को।
बैंकों के नए नियमों से किस तरह के सुधार होंगे?
उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षित और आसान विकल्प।
बैंक नए नियमों का असर सिर्फ खाताधारकों पर ही होगा?
नहीं, बैंक नए नियम सभी संबंधित पार्टियों पर असर डालेगा।
क्या बैंक नियमों में खाताधारकों के लिए कोई छूट है?
हां, बैंक नियमों में छूट की संभावना है।